नकल में अकल की बहुत जरूरत होती है, शायद ये बात इस मूर्ख संपादक को नहीं पता है, यही वजह है कि हर बार नकल के चक्कर में मारा जाता है। अब देखिए पहले ये न्यूज 24 के पूर्व मैनेजिंग एडिटर की एंकरिंग की नकल करने के चक्कर में अपने ही एंकर और रिपोर्टर से आँन एयर उलझ गया, बेचारे एंकर और रिपोर्टर ने किसी तरह अपनी और चैनल की इज्जत बचाई ! इस दौरान न्यूज रूम में मौजूद एक गेस्ट पत्रकार ने तो संपादक के व्यवहार पर आँन एयर आपत्ति भी की, लेकिन कहते हैं ना कि नंगों पर किसी बात का कोई असर नहीं होता।
अब नकल का दूसरा किस्सा : दूसरा किस्सा मुजफ्फरनगर दंगो से जुडा है। मुजफ्फरनगर में 2013 के दंगों में खुशी की पूंजी गंवा बैठीं बेघर औरतों को फिर से बसाने के लिए यहां शाहपुर के दंगा राहत शिविर में सामूहिक निकाह कराए गए। दंगों और दंगा पीडितों के जख्मों पर मरहम लगाने के लिए यूपी की सरकार ने सामूहिक शादी में निकाह करने वालीं दुल्हनों को एक-एक लाख का चेक दिया। सरकार की इस पहल का सभी ने स्वागत किया। जमीयत उल हिंद ने भी दुल्हनों को गृहस्थी संवारने के लिए 10 हज़ार रूपए के घरेलू सामानों का तोहफा दिया।
अब शाहपुर की ही तर्ज पर बाकी दंगा पीड़ित कैंपो में भी सामूहिक निकाह होने लगे। मगर आत्मा को भीतर तक झकझोर देने वाली एक हकीकत ये है कि ज्यादातर निकाह-दो रूहों का रिश्ता नहीं बल्कि एक लाख के चेक का सौदा बन कर रह गया। कहा जा रहा है कि सरकार से रकम ऐंठने के चक्कर में तमाम लड़कियों को बहला - फुसला कर उनका निकाह कराया जा रहा है, चेक मिलते ही ये शादी टूट जा रही है। कुल मिलाकर ये कहूं कि ये शादी नहीं बस एक लाख रुपये हथियाने का हथियार भर बन गया है, इससे तमाम लड़कियों की मुश्किल और बढ़ गई है।
मूर्ख संपादक की करतूत : IBN 7 न्यूज चैनल ने 4 जुलाई को ही स्पेशल रिपोर्ट के तहत आधे घंटे की ये खास स्टोरी चलाई। अब इसी स्पेशल रिपोर्ट की नकल कर रहा है ये मूर्ख संपादक ! मैने कहा ना कि नकल में अकल की बहुत जरूरत है, अब इसके पास अकल हो तब ना। ये दिमाग से इतना दिवालिया हो चुका है कि जिस नाम " दंगों की दुल्हन " से स्टोरी IBN 7 ने चलाई, ये नाम भी नहीं बदल पाया और उसी नाम से स्टोरी चला रहा है। मूर्ख इसे EXCLUSIVE बता रहा है। सच में मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि टीवी चैनल का ये मूर्ख संपादक किसे बेवकूफ बना रहा है। पब्लिक को तो बना नहीं सकता, क्योंकि " ये पब्लिक है, सब जानती है " जाहिर है चैनल के मालिक को ही मूर्ख समझ रहा होगा ? तभी तो उन्हें लगातार बता रहा है कि ये स्टोरी जरूर देखिए, यहां तक की मालिकों के दाएं बाएं रहने वाले लोग स्टूडियो में बैठकर खबर देख रहे हैं ! मैं चाहता हूं कि पहले आप YOUTUBE पर इस लिंक को देंखें, फिर मूर्ख संपादक की अकल के बारे में अपनी राय बनाएं कि क्या नकल ऐसे की जाती है ?
https://www.youtube.com/watch?v=ZJRCkX4j2Hk
अब नकल का दूसरा किस्सा : दूसरा किस्सा मुजफ्फरनगर दंगो से जुडा है। मुजफ्फरनगर में 2013 के दंगों में खुशी की पूंजी गंवा बैठीं बेघर औरतों को फिर से बसाने के लिए यहां शाहपुर के दंगा राहत शिविर में सामूहिक निकाह कराए गए। दंगों और दंगा पीडितों के जख्मों पर मरहम लगाने के लिए यूपी की सरकार ने सामूहिक शादी में निकाह करने वालीं दुल्हनों को एक-एक लाख का चेक दिया। सरकार की इस पहल का सभी ने स्वागत किया। जमीयत उल हिंद ने भी दुल्हनों को गृहस्थी संवारने के लिए 10 हज़ार रूपए के घरेलू सामानों का तोहफा दिया।
अब शाहपुर की ही तर्ज पर बाकी दंगा पीड़ित कैंपो में भी सामूहिक निकाह होने लगे। मगर आत्मा को भीतर तक झकझोर देने वाली एक हकीकत ये है कि ज्यादातर निकाह-दो रूहों का रिश्ता नहीं बल्कि एक लाख के चेक का सौदा बन कर रह गया। कहा जा रहा है कि सरकार से रकम ऐंठने के चक्कर में तमाम लड़कियों को बहला - फुसला कर उनका निकाह कराया जा रहा है, चेक मिलते ही ये शादी टूट जा रही है। कुल मिलाकर ये कहूं कि ये शादी नहीं बस एक लाख रुपये हथियाने का हथियार भर बन गया है, इससे तमाम लड़कियों की मुश्किल और बढ़ गई है।
मूर्ख संपादक की करतूत : IBN 7 न्यूज चैनल ने 4 जुलाई को ही स्पेशल रिपोर्ट के तहत आधे घंटे की ये खास स्टोरी चलाई। अब इसी स्पेशल रिपोर्ट की नकल कर रहा है ये मूर्ख संपादक ! मैने कहा ना कि नकल में अकल की बहुत जरूरत है, अब इसके पास अकल हो तब ना। ये दिमाग से इतना दिवालिया हो चुका है कि जिस नाम " दंगों की दुल्हन " से स्टोरी IBN 7 ने चलाई, ये नाम भी नहीं बदल पाया और उसी नाम से स्टोरी चला रहा है। मूर्ख इसे EXCLUSIVE बता रहा है। सच में मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि टीवी चैनल का ये मूर्ख संपादक किसे बेवकूफ बना रहा है। पब्लिक को तो बना नहीं सकता, क्योंकि " ये पब्लिक है, सब जानती है " जाहिर है चैनल के मालिक को ही मूर्ख समझ रहा होगा ? तभी तो उन्हें लगातार बता रहा है कि ये स्टोरी जरूर देखिए, यहां तक की मालिकों के दाएं बाएं रहने वाले लोग स्टूडियो में बैठकर खबर देख रहे हैं ! मैं चाहता हूं कि पहले आप YOUTUBE पर इस लिंक को देंखें, फिर मूर्ख संपादक की अकल के बारे में अपनी राय बनाएं कि क्या नकल ऐसे की जाती है ?
https://www.youtube.com/watch?v=ZJRCkX4j2Hk
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (23-07-2014) को "सहने लायक ही दूरी दे" {चर्चामंच - 1683} पर भी होगी।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'