टीवी न्यूज चैनलों को अब आत्ममंथन करने की जरूरत है। जी न्यूज के मैनेजिंग एडीटर सुधीर चौधरी का जिंदल ग्रुप के साथ खबरों को लेकर सौदेबाजी का मामला अभी ठंडा नहीं पड़ा है कि हिंदी के जाने माने न्यूज चैनल "आज तक" के मैनेजिंग एडीटर सुप्रिय प्रसाद का अपने ही चैनल की एक महिला कर्मी से अभद्र व्यवहार का मामला सुर्खियों में है। जो हालात हैं उसे अगर टीवी यानि न्यूज चैनल की भाषा में कहूं तो हम कह सकते हैं कि अब न्यूज चैनल भी ए राजा और गोपाल कांडा से अछूते नहीं रहे। फर्क बस इतना है कि राजा और कांडा की करतूतें सामने आ चुकी हैं, जबकि टीवी के राजा और कांडा तक अभी पुलिस नहीं पहुंच पाई है। मैं बहुत जिम्मेदारी से ब्राडकास्टिंग एडीटर एसोसिएशन का ध्यान इस ओर ले जाना चाहता हूं कि अगर समय रहते ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो इलेक्ट्रानिक मीडिया अपनी बची खुची विश्वसनीयता और सम्मान से भी हाथ धो बैठेगा।
खबरों को लेकर सुर्खियों में रहने वाली मीडिया आज खुद खबरों में है। मीडिया से जुड़ा हूं तो जाहिर है बहुत सी चीजें देखता भी हूं, आज एक बार फिर उन्हीं बातों पर चर्चा करूंगा। मैं हमेशा इस मत का रहा हूं कि अगर आप अपने गिरेबां में झांकने की हिम्मत नहीं रखते तो आपको दूसरों पर उंगली उठाने का हक नहीं है। इसी ब्लाग पर मैने दो लेख जी न्यूज के मैनेजिंग एडीटर सुधीर चौधरी को लेकर लिखा है। आप सब को पता है कि जो साक्ष्य अब तक सामने आए हैं, उससे साफ है कि जी न्यूज के एडीटर जिंदल ग्रुप के अफसरों के साथ खबरों की सौदेबाजी कर रहे थे। मसलन अगर जिंदल ग्रुप उन्हें सौ करोड रुपये का विज्ञापन देने को तेयार हो जाता तो वो फिर जिंदल ग्रुप के खिलाफ खबरें ना चलाते। स्टिंग आपरेशन में इसी तरह की बेहूदी बातें करते हुए चौधरी पकड़े गए, जिसके बाद बीइए यानि ब्राडकास्टिंग एडीटर एसोसिएशन ने उन्हें बीइए के कोषाध्यक्ष पद से बेदखल कर उनकी एसोसिएशन की सदस्यता भी समाप्त कर दी। बहरहाल अब जी न्यूज और जिंदल ग्रुप दोनों ही इस मामले में अदालत में है।
अब ताजा मामला जाने माने न्यूज चैनल "आज तक" के मैनेजिंग एडीटर सुप्रिय प्रसाद का है। जो जानकारी अभी तक सामने आई है, उसके अनुसार इंडियन टेलीवीजन अवार्ड (आईटीए) के सिलसिले में सुप्रिय प्रसाद दिल्ली से मुंबई गए थे। दरअसल आज तक को लगातार 12 वीं बार सर्वश्रेष्ठ हिंदी न्यूज चैनल घोषित किया गया था। इसी अवार्ड को लेने सुप्रिय मुंबई में थे। सर्वश्रेष्ठ न्यूज चैनल का अवार्ड लेने वाले मैनेजिंग एडीटर ने मुंबई में अपने ही चैनल की इंटरटेंटमेंट एडीटर रुक्मनी सेन के साथ अभद्र व्यवहार किया। उन्होंने जिस तरह का संवाद इस महिलाकर्मी के साथ किया, सभ्य समाज में उसे कत्तई जायज नहीं ठहराया जा सकता है। हालाकि ये विवाद का विषय हो सकता है कि जो बातें सुप्रिय ने अपनी महिला सहकर्मी रुक्मनी से की वो आमतौर पर "चलता" है। लेकिन मैं इसे कत्तई जायज नहीं ठहरा सकता। महिलाओं के साथ अभद्रता की जो परिभाषा कोर्ट ने तय की है, उसके अनुसार तो अगर आप किसी महिला को बुरी नजर से देखते भर हैं तो आपके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है।
हां, बहुत से पढ़े लिखे और खासतौर पर टीवी वाले ये सवाल जरूर उठाते हैं कि ये तय कौन करेगा कि नजर बुरी थी या ठीक थी। कोर्ट को पहले ही पता था कि ऐसे बेतुके सवालों की आड़ में गंदगी करने वाले लोग बचने की कोशिश कर सकते हैं, लिहाजा कोर्ट ने साफ कर दिया कि महिला के बयान को ही सही माना जाएगा और पुरुष को ये साबित करना होगा कि उसने महिला पर गलत नजर नहीं डाली थी। चलिए हम इस मामले को कोर्ट कचहरी से दूर आपस में बैठकर सुलझाने का रास्ता बताते हैं। मेरा मानना है कि जो बातें और जिस अंदाज में आज तक के मैनेजिंग एडीटर ने अपनी महिला सहकर्मी के साथ की, अगर वही बातें उसी अंदाज में एडीटर साहब अपने परिवार की किसी भी महिला सदस्य के साथ करने की हिम्मत रखते हैं, इसमें उन्हें किसी तरह की हिचक नहीं है, तो मैं उन्हें क्लीन चिट देता हूं, कि उन्होंने कोई गलत बात नहीं की।
बहरहाल दो लोगों के बीच ये बातचीत हुई है। महिलाकर्मी ने सार्वजनिक रूप से अपने एडीटर पर आरोप लगाया है कि उन्होंने अभद्रता की है। सुप्रिय प्रसाद की फिलहाल कोई सफाई नहीं आई है। वैसे सच क्या है, ये तो खुद चैनल और सुप्रिय प्रसाद जानें। लेकिन कहा तो यहां तक जा रहा है कि "आज तक" से जब सुप्रिय ने पहली बार नौकरी छोड़ी थी, उस समय भी उन पर कुछ इसी तरह के गंभीर आरोप लगे थे। खैर रुक्मणि सेन ने न्यूज चैनल से इस्तीफा दे दिया है और उन्होंने आज तक के मालिक अरुण पुरी को एक पत्र लिखकर पूरे मामले की जानकारी दी है। लीजिए आप भी पढ़ लीजिए ये पत्र।
Dear Mr Purie,
Supriya Prasad and I had a meeting yesterday regarding my resignation letter. The meeting ended up being very offensive and humiliating.
The conversation unfolded like this-
- So Are you leaving this job for that man?
- Where does he live?
- Oh I know because you changed your FB status!
- Why are you in a long distance relationship?
- Will you marry him?
- Boyfriend waala maamla bekaar hai.
- Oh but I am sure you have many boyfriends.
- Which number is this one?
- Will you never get married? Live like this? with many?
When I gave him the CD for anchors and mentioned the boy in the CD is good. He reacted with 'I have no interest in men'.
Supriya Prasad has never been my friend. I have always been very professional with him. Kept my distance to be specific. He has dropped SBB left, right and centre.
I was meaning to process what has happened and write to you. Now Arijit of HR calls me and tells me today is my last day. I don't have to serve my notice! Guess something has scared the organization deeply. Is it my sms to Supriya Pd? Is it my FB status?
Will you take any action against him? Will you put him in a behaviour change workshop?
Considering you re-hired a habitual offender guess this kind of behaviour is ok with you too??
I will watch the action taken. I am not pleading. Not complaining. I am offended and I blame you and no one less for putting me through this feudal, uncouth, uncivilzed, masculine, priviledged and POWERFUL behaviour.
Shame!!!!
Rukmini Sen
Editor (Entertainment) - Editorial TVTN
TV Today Network Ltd.
Videocon Tower,
E-1, Jhandewalan Extn.,
New Delhi-110055
+91-11- 23684878,23684888
चलिए कुछ और लोगों की भी बात कर ली जाए। इलेक्ट्रानिक मीडिया में गंदगी खबरों की सौदेबाजी और महिलाकर्मियों से अभद्रता तक सीमित नहीं है, बल्कि यहां शराब पीकर भी बहुत ड्रामेबाजी चलती है। चलिए आप शराब पीएं और सड़क पर ड्रामा करें, ये आपका व्यक्तिगत मामला हो सकता है, लेकिन शराब पीकर आप हाथ में न्यूज चैनल का माइक कैसे पकड़ सकते हैं ? ये हुआ हिमांचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव के दौरान। हिमांचल में चुनाव के दौरान कई न्यूज चैनल रोजाना चौपाल लगा रहे थे। जिसमें उम्मीदवारों के साथ ही स्थानीय लोगों के बीच लाइव बहस चल रही थी। मैने देखा कि एक नामचीन चैनल के जाने माने एंकर ने मंडी में शराब पीकर बहस की शुरुआत कर दी। वैसे तो पहाड़ में शाम होते ही ज्यादातर लोग "टुन्न " हो जाते हैं, लेकिन कोई एंकर जो एक शो करने जा रहा है, वो भला कैसे शो के पहले शराब पी सकता है ? बस टल्ली एंकर ने शुरू किया शो, पांच मिनट में हंगामा, मारपीट हो जाने के बाद बीच में ही शो को खत्म करना पड़ गया। अब ऐसा भी नहीं है कि जब ये मामला हिमांचल के मंडी में आम लोगों को पता हो, तो चैनल के जिम्मेदार लोगों को पता नहीं होगा। बहरहाल सच्चाई ये है कि एंकर का नाम इतना बड़ा है कि चैनल के कर्ता धर्ता उनसे कुछ कहने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।
जब चैनलों के बड़े-बड़े लोग ऐसा वैसा कर रहे हों तो भला छोटे कर्मचारी क्यों पीछे रहते। ब्लैकमेलिंग के एक ताजा मामले में पुलिस ने एबीपी न्यूज और इंडिया टीवी की एक रिपोर्टर के खिलाफ न्यायालय के आदेश पर मामला दर्ज किया है। इस मामले के खुलासे के बाद हालाकि एबीपी न्यूज ऩे अपने रिपोर्टर का कांट्रेक्ट फिलहाल स्थगित कर दिया है। इसके अलावा कुछ लोगों की जांच टीम बना दी है। वैसे क्या कहूं, लेकिन अब जांच टीम बनाने का क्या मतलब है ? अब तो पुलिस भी जांच कर रही है और मामला न्यायालय में है तो कुछ दिन में खुलासा खुद ही हो जाएगा। लेकिन मैं ये मानता हूं कि लोकतंत्र का ये चौथा स्तंभ भी चोरी चकारी से अछूता नहीं है। बात पेड न्यूज से बहुत आगे निकल चुकी है। हर चुनाव के दौरान पत्रकारों की कारें कैसे बदल जाती हैं, कुछ लोग कैसे गृहप्रवेश करने लगते हैं, इन सब नजर रखने की जररूत है।
सब जानते हैं कि सरकार ने जब भी मीडिया पर अंकुल लगाने की कोशिश की तो अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला बताकर उसका मीडिया समूहों ने पुरजोर विरोध किया, लिहाजा कोई भी सरकार मीडिया को नियंत्रित करने की हिम्मत नहीं जुटा सकी। लेकिन एक के बाद एक जिस तरह के मामलों का खुलासा हो रहा है, ऐसे में अगर मीडिया संस्थानों ने अपने कर्मचारियों पर नकेल नहीं कसी तो लोकतंत्र के इस चौथे पाए के गले में भी घंटी बांधना सरकार की मजबूरी हो जाएगी। ब्राडकास्टिंग एडीटर एसोसिएशन को सिर्फ आर्थिक मामलों तक खुद को सीमित नहीं रखना चाहिए, बल्कि चारित्रिक और नैतिक मामलों में भी ठोस पहल करनी होगी। मुझे हैरानी हुई है कि जी न्यूज के मैनेजिंग एडीटर पर आरोप लगने के बाद उन्हें तत्काल एसोसिएशन से बाहर कर दिया गया, जबकि उससे कहीं गंभीर आरोप आज तक के मैनेजिंग एडीटर पर है, लेकिन बीइए खामोश है। मुझे लगता है कि इस मामले में बीइए को खुद पहल कर ठोस कार्रवाई करनी होगी, जिससे बीइए की भी विश्वसनीयता और प्रमाणिकता पर आंच ना आए।
आप सभी मित्रों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं ...
महेन्द्र जी,
ReplyDeleteदीपावली की हार्दिक शुभकामनायें!
आप को भी बहुत बहुत शुभकामनाएं..
Deleteअच्छा लगता है जब मीडिया से जुदा ही कोई सच्चाई से आमना सामना करवाता है तो ....आपसे उम्मीद अब और बढ़ गई है ...
ReplyDeleteशुक्रिया, बहुत बहुत आभार
Deleteविद्यमान परिस्थिति में राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री से लेकर भृत, दैनिक वेतन भोगी तक
ReplyDeleteसभी स्वयं के सदाचारी होने का दंभ भरते है, इसका आशय तो ये हुवा की भारत में
भ्रष्टाचार है ही नहीं । अब इसे राष्ट्र प्रमुख या तो सार्वजनिक रूप से स्वीकार करे
( कि भारत भ्रष्टाचार मुक्त है ) अथवा आत्म समर्पण करें.....
ये तो कोई दावा कर ही नहीं सकता कि देश भ्रष्टाचार से मुक्त है।
DeleteAap khul kar to likh rahe hai,sundar prastuti
ReplyDeletedeepavli ki hardik shubhkamnaye
जी मैं जानता हूं जल में रहकर मगर से बैर.. फिर भी कोशिश तो रहेगी कि सच्चाई की बात करता रहूं.. आगे देखता हूं
Deleteस्वंम चैनल से जुड़े होने के वावजूद भी,दुसरे चैनल पर इल्जाम,इस निर्भीकता के लिए, आपको सलाम,,,,महेंद्र जी,,,,,
ReplyDeleteदीपावली की हार्दिक बहुत२ शुभकामनाए,,,,
RECENT POST:....आई दिवाली,,,100 वीं पोस्ट,
ये कोई इल्जाम नहीं है सर, हकीकत है, मैने सबके नाम शामिल किए हैं। बात सिर्फ दूसरे चैनल की नहीं है। विश्वास कीजिए अपने चैनल पर भी कुछ ऐसा हुआ तो आपको जरूर यहां मिलेगा।
Deleteदीपावली की आपको भी बहुत बहुत शुभकामनाएं
संभव है भाई -
ReplyDeleteइनकी अधिकाई ||
जगह जगह पर-
चलते रहते हैं चक्कर ||
दीपावली की शुभकामनाये भाई महेंद्र जी ||
हां , सही कह रहे हैं आप
Deleteबहुत बहुत आभार
जी आपको भी दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाएं
बहुत ख़ूब! धनतेरस और दीपावली की ढेरों मंगल कामनाएं!
ReplyDeleteआपकी यह सुन्दर प्रविष्टि कल दिनांक 12-11-2012 को सोमवारीय चर्चामंच-1061 पर लिंक की जा रही है। सादर सूचनार्थ
आपको भी धनतेरस दीपावली की ढेरों शुभकामनाएं
Deleteबहुत बहुत आभार
रौशनी का पर्व दिपावली आपके घर में सुख समृद्धि लाए !
ReplyDeleteयही कामना ....
बहुत बहुत आभार
Deleteआपको भी ढेरों शुभकामनाएं
आपको पढ़कर वाकई अच्छा लगता है. दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं..
ReplyDeleteशुक्रिया
Deleteआपको भी बहुत बहुत शुभकामनाएं
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDeleteधन्य हो कांडा है तो कांड तो करेगा ही!
त्यौहारों की शृंखला में धनतेरस, दीपावली, गोवर्धनपूजा और भाईदूज का हार्दिक शुभकामनाएँ!
आपको भी बहुत बहुत शुभकामनाएं..
Deleteआभार सर
बेहद सशक्त लेखन
ReplyDelete'' दीप पर्व की अनंत शुभकामनाएं ''
बहुत बहुत आभार
Deleteआपको भी दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाएं..
Lajwaab..... Padh kr sukhad ahsaas hua ki ab v koi hai jo media m reh kr media k khilaf bol skta hai.. Umeed krta huki ye padh kr log awaz jarur uthangy.... Subh diwali...aapko aur aapke parwaar ko...
ReplyDeleteLajwaab.... Aapke khabr ko padh kr aisa lga ki aaj v media m reh kar media k khilaf koi bol skta hai... Apki awaz bulland rahe... Subh deepawli....
ReplyDeleteआपको भी दीपावली की शुभकामनाएं..
Deleteवैसे आपने लेख को गलत ढंग से लिया, अगर लेख किसी के खिलाफ और किसी के पक्ष में लिखा जाए तो मेरे ख्याल से आप न्याय नहीं कर रहे हैं। मैं सिर्फ हकीकत लिखता हूं, वो किसी के खिलाफ या पक्ष में हो जाए तो उसकी किस्मत।
बहुत बहुत शुक्रिया
ReplyDeleteआपको भी दीपावली की शुभकामनाएं
आप अपनी बेबाक शैली , निष्पक्षता और ईमानदारी से अपनी जगह बनाने में सफल हैं,प्रभावशाली लेखन के लिए बधाई !
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार
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