देश
में चल रही खास गतिविधियों पर अगर नजर
डालें तो इस
समय हर खबर में पाकिस्तान घुसा हुआ है। पहली सबसे बड़ी खबर पाक फौजियों ने भारतीय सीमा में घुसकर पहले तो दो भारतीय सैनिकों
की हत्या कर दी, फिर एक सैनिक का सिर काटकर ले
गए। इस घटना से पूरे देश में गुस्सा भड़का हुआ है। गुस्से को देखते हुए पहले सेनाध्यक्ष ने पाकिस्तान की चेतावनी दी और साफ किया कि अब बस, बहुत हो चुका, अब बर्दाश्त नहीं करेंगे,
हम मुंहतोड़
जवाब देंगे। फ्लैग मीटिंग में बात
नहीं बनी और
उसके बाद जब पाकिस्तान ने सीमा पर तोपखानों की तैनाती शुरू की तो अपने शांत रहने
वाले मनमोहन सिंह को भी गुस्सा आ गया और उन्होंने भी आंखे तरेरी और पाकिस्तान से
व्यापारिक संबंध खत्म करने की धमकी दी। इतना ही नहीं बुजुर्गों को बीजा देने के
सरलीकरण योजना पर तत्काल रोक लगा दी। इसी तरह क्रिकेट के तर्ज पर शुरू हुए देश में
हाकी चैंपियन लीग में शामिल सभी नौ पाकिस्तानी खिलाड़ियों को वापस जाने का हुक्म
सुना दिया गया। महिला क्रिकेट विश्व कप में पाकिस्तानी टीम को मुंबई में खेलना है,
लेकिन जो हालात हैं उससे तो नहीं लगता कि उनकी टीम यहां खेल पाएगी।
बहरहाल
पाकिस्तान ने जो किया उसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है। लेकिन उन्हें सेनाध्यक्ष
ने एक मौका दे दिया है, कहा गया है कि अब बर्दाश्त नहीं करेंगे। मेरा मानना है कि सरकार
की ओर से की गई फौरी कार्रवाई कम नहीं है। अब हमें पाकिस्तान की गतिविधियों पर नजर
रखना चाहिए। हमें देखना होगा कि पाकिस्तान अपनी कारगुजारियों को रोकता है या यूं
ही उसकी गतिविधियां जारी रहती हैं। वैसे तो पाकिस्तान के जो हालात हैं उससे नहीं
लगता कि फिलहाल वो आगे बढ़ने की हिम्मत कर सकता है। वहां की सर्वोच्च न्यायालय ने
भ्रष्टाचार के मामले में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री समेत 16 लोगों को तत्काल
गिरफ्तार करने के आदेश दे दिए हैं। पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के बारे
में कहा जा रहा है कि भी देश छोड़कर दुबई
चले गए हैं। कुल मिलाकर वहां तख्ता पलट की आशंका बढ़ गई है। जो हालात हैं उसे
देखते हुए अगर जल्दी ही हमें वहां सैन्य शासन देखने को मिले तो किसी तरह की हैरानी
नहीं होनी चाहिए। बहरहाल ये तो मैने कुछ तस्वीरें पेश कीं जो कुछ भारत और पाकिस्तान
में चल रहा है।
अब
आगे की बात टीवी न्यूज चैनलों की। बीजेपी नेता सुषमा स्वराज ने जब कहा कि
पाकिस्तानी हमारे एक फौजी का सिर काट ले गए, ये हिसाब तब बराबर होगा जब हम उनके 10
सैनिकों के सिर काट लाएं। सुषमा के ऐसा बोलते ही जैसे न्यूज चैनलों के मन की मुराद
पूरी हो गई, उन्हें वो मिल गया जिसकी चाह लिए बैठे थे। इसी बीच समाजवादी पार्टी के
महासचिव रामगोपाल यादव ने कहाकि युद्ध जरूरी हो गयी है। सेना के कई सेवानिवृत्त जनरल,
मेजर और कर्नल के यहां टीवी के कैमरे पहुंच गए। इनमें से भी कई ने कहा कि हमें
पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देना ही होगा। सिर काट ले जाने से देश की जनता गुस्से
से लाल पीली पहले ही हो रही थी। बस टीवी न्यूज चैनलों के लिए पाकिस्तान पर हमला
बोलने का भला इससे अच्छा मौका क्या मिलता। चैनलों को लगा कि अगर अब पाकिस्तान पर
हमला बोल दिया जाए तो कामयाबी तय है। बस फिर क्या था चैनलों के न्यूजरूम में शुरू
हो गया शोर शराबा। चारो तरफ से आवाज आने लगी पाकिस्तानी सीमा, पाकिस्तान से लड़ाई,
कंटीले तार लगे बार्डर, भारतीय और पाक सेना के विजुअल तुंरत निकालो। एक लाइन में
अगर कहूं तो चैनलों में तन गई तोप !
आप
सोचते हैं कि लड़ाई में केवल सेना को ही
तैयारी करनी पड़ती है। अगर आप ऐसा सोचते हैं तो गलत सोचते हैं। न्यूज चैनलों को
कहीं ज्यादा तैयारी करनी होती है। फिर
लड़ाई का अंजाम क्या होगा, सेना को तो वहां युद्ध से नतीजा हासिल करना होता है,
लेकिन हमें यानि चैनल को तो युद्ध के पहले ही अपने देश को जिताना होता है। मसलन
हमें बताना होना है कि हम पाकिस्तान से बहुत भारी है। इसके लिए आवाज दी जाती है
रिसर्च की टीम को, जल्दी देखो हमारे पास क्या क्या हथियार हैं और पाकिस्तान के पास
क्या हथियार है। हमारे सेना की ताकत और उनके सेना की ताकत बताओ। मुझे लगता है कि
ये एक ऐसी रिपोर्ट है जो हर चैनल में पहले से ही तैयार रहती है। पलक झपकते ही ये
रिपोर्ट न्यूज चैनल में प्रोड्यूसर के पास आ जाती है। फिर शरण ली जाती है गुगल की।
हर हथियार की तस्वीर निकालकर बढिया सा ग्राफिक्स बनाया जाता है और बता देते हैं कि
हमारे पास क्या है और उनके पास क्या है। आज की तारीख में भारत और पाकिस्तान की एक दूसरे की तरफ सैन्य तैनाती लगभग
बराबर है। आइये एक नजर डालते हैं।
भारतीय कॉर्प्स की
संख्या 9 है तो पाकिस्तान के 8 कॉर्प्स भारत की तरफ निशाना साधे हुए हैं।
जानें: भारत और
पाकिस्तान की सेना में किसमें कितना दम?
- भारतीय सेना में 13
लाख सैनिक हैं जबकि पाकिस्तानी सेना में 6 लाख सैनिक हैं।
- भारत के पास 2295
टैंक हैं तो पाकिस्तान के पास नए पुराने मिलाकर 3620 टैंक हैं।
- भारत के पास 600
फाइटर प्लेन हैं तो पाकिस्तान के पास भी 400 लड़ाकू विमान हैं।
वैसे जानकारों का
मानना है कि सैन्य बल से ज्यादा असर इस बात का होता है कि बेहतर रणनीति कौन बनाता
है। दरअसल कॉर्प्स की तैनाती के साथ साथ अहम बात ये होती है कि हमला करने के लिए
स्ट्राइक फॉरमेशन की क्षमता किसके पास है। जानकारों के मुताबिक इस मामले में भारत
का पलड़ा थोड़ा भारी है। अपने आर्मर्ड डिविजन के इर्द गिर्द भारत तीन स्ट्राइक
फॉर्मेशन कर सकता है जबकि पाकिस्तान सिर्फ दो।
दरअसल भारत के साथ
लगने वाली अंतरराष्ट्रीय सीमा काफी लंबी है, जबकि पाकिस्तानी सेना की तैनाती ज्यादातर भारत
की ओर ही है। ऐसे में दोनों देशों की थल सेना में ज्यादा अंतर नजर नहीं आता, लेकिन
भारत की वायु क्षमता पाकिस्तान के मुकाबले कहीं बेहतर दिखती है।
भारत के पास पाकिस्तान
से सटे 12 एयर बेस हैं जहां मिग, जगुआर, सुखोई और मिराज जैसे लड़ाकू विमान तैनात हैं।
इसके मुकाबले पाकिस्तानी वायुसेना के पास 7 एयरबेस हैं जहां मिराज, जेएफ और एफ 16 जैसे लड़ाकू विमानों की तैनाती है।
हालांकि आधुनिक अवॉक्स
एयरक्राफ्ट के मामले में पाकिस्तान ने भारत को पीछे छोड़ दिया है। आधुनिक युद्ध
में इन विमानों का इस्तेमाल बेहद अहम होता है। ये विमान रडार युक्त होते हैं जो
दुश्मन देश के प्लेन, पानी
के जहाज और मिसाइल की जानकारी दे सकते हैं।
भारत के पास फिलहाल
सिर्फ 3 अवॉक्स एयरक्राफ्ट हैं जबकि पाकिस्तान ने 9 विमानों का जखीरा तैयार कर
लिया है। पाकिस्तान ने पिछले कुछ सालों में अत्याधुनिक हथियार और परमाणु शक्ति
हासिल कर ली है। जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान के पास 90 से 100 न्यूक्लियर
वॉरहेड्स हैं जो भारत के मुकाबले कहीं ज्यादा हैं। वहीं मिसाईल शक्ति में भी
पाकिस्तान ने भारत की बराबरी कर ली है। भारतीय नेवी पाकिस्तान के मुकाबले जरूर
मजबूत है। लेकिन जानकारों की मानें तो भारत और पाकिस्तान के बीच अहम भूमिका आर्मी
और वायुसेना की है। 1971 की लड़ाई के बाद पाकिस्तान ने रक्षा बजट में जबर्दस्त
बढ़ोतरी की है। जानकारों की मानें तो ये भारत के लिए चिंता की बात है।
आपको पता है कि 65 साल
पहले भारत और पाकिस्तान को आजादी मिली। इन 65 सालों में दोनों मुल्क चार जंग लड़
चुके हैं। 1971 की लड़ाई में मिली शिकस्त के बाद से पाकिस्तान ने अपनी सैनिक ताकत
बढ़ाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया है। आज दोनों मुल्क परमाणु हथियारों से लैस
हैं। दोनों के सैन्य बल में भी ज्यादा फर्क नहीं। ऐसे में अगर पांचवें युद्ध का
जोखिम उठाया गया तो सरहद के दोनों तरफ सिर्फ और सिर्फ बर्बादी बचेगी। पाकिस्तान की
तरफ से अक्सर सीजफायर का उल्लंघन होता रहा है। लेकिन बार बार उकसाने के बाद भी
भारत ने संयम बरता है। राजनैतिक और सैन्य स्तर पर ये संयम जरुरी भी है। दरअसल 1971
की लड़ाई के बाद भारत पाक सीमा विवाद टाइम बम की शक्ल ले चुका है। सैन्य ताकत
बढ़ाने के साथ साथ पाकिस्तान ने भारत की तरफ जबर्दस्त तैनाती भी बढ़ा दी है। आज की
तारीख में भारत और पाकिस्तान की एक दूसरे की तरफ सैन्य तैनाती लगभग बराबर है।
जो हालात हैं उसे
देखते हुए तो हम कह सकते हैं कि भारत और पाकिस्तान में पांचवां युद्ध कभी भी हो सकता
है। दरअसल सच्चाई ये है कि न्यूज चैनलों ने पाकिस्तान के साथ कोई बड़ा युद्ध देखा
नही है। न्यूज चैनलों की उम्र 90 के दशक में जब से चैनलों ने सही तरह से काम करना
शुरू किया उसके बाद से कारगिल ही हुआ। कारगिल में जहां लड़ाई चल रही थी, वहां तक
कैमरों का पहुंचना बहुत मुश्किल था। अब चैनलों को लग रहा है कि एक बार युद्ध ऐसी
जगह हो जाए, जहां उनके कैमरे पहुंच सके। अब देखिए ना...सेना जहां थी अभी वहीं है,
पर दिल्ली से सभी चैनलों के रिपोर्टर जरूर पाक सीमा में जम गए हैं। अब देखना ये है
कि संपादक लोग चैनलों से तोप हटाने को तैयार होते हैं या फिर युद्ध का इंतजार
करतें हैं।