Thursday 14 March 2013

दारू के नशे में पिट गए बेचारे बिग बाँस !


शुतोष कौशिक का वाकई मैं नाम ही भूल गया था, कल रात शराब पीकर सड़क पर हंगामा करते हुए दिखा तो याद आया कि अरे ये तो वही आशु है, जो बिगबास सीजन दो का विजेता रहा है। आपको मालूम होना चाहिए कि बिग बास के पहले आशुतोष अपना ढाबा चला रहे थे, ये तो मुझे पता है। इसके अलावा क्या करते थे, इसकी मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है। अब ढाबे पर तो शराब मुर्गा कोई नई बात नहीं है, ये सब यहां होता रहता है। बहरहाल बिग बास के घर मे मैने उन्हें पहली बार देखा, यहां आशुतोष जीत भी गए, ये अलग बात है।  लेकिन मुझे तो शुरू से ही इनमें वो क्लास नजर नहीं आया, जिससे मेरा मन स्वीकार कर सके कि ये भी विजेता बन सकते हैं। खैर ! वैसे आपको एक बात बताऊं, देश में मूर्खों की एक बड़ी जमात है, उन्हें दूसरों को ये बताने में अच्छा लगता है कि मेरे यहां जन्मदिन की पार्टी थी, उसमें बड़े-बड़े लोग आए थे। अच्छा कुछ के तो वो नाम गिना जाते हैं। अब आप ही बताएं कि आशुतोष में ऐसा क्या है कि जो कोई उसे अपने यहां जन्मदिन की पार्टी में बुलाए और वो भी पैसे देकर। आपको ये बात नागवार लग सकती है, लेकिन होता ये है कि बच्चे के जन्मदिन पर ऐसे ही लोगों को बुलाकर लोग दारू मुर्गा में बिजी हो जाते हैं और घर के कोने वाले कमरे में बूढे दादा-दादी इंतजार करतें हैं कि पार्टी खत्म हो तो भी बच्चे को चूम कर प्यार कर लें।
आइये पहले पूरा वाकया जान लीजिए, फिर आगे की बात करते हैं। मुंबई में कल रात दारू के नशे में पूरी तरह टुन्न आशुतोष अपने कपड़े फाड़ता हुआ सड़कों पर चीख रहा था। शोर-शराबा सुन कर कुछ लोगों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी। पुलिस के पहुंचने के बाद भी आशुतोष शांत नहीं हुए, बल्कि वो उनसे भी उलझने की कोशिश करते रहे। उनका कहना था कि यहां एक रेस्त्रां में वो जन्मदिन की पार्टी में बतौर मेहमान मित्रों के साथ आए हुए थे। जहां लोगों ने उनसे और उनके मित्रों के साथ पहले तो अभद्रता की, बाद में उन्हें मारा पीटा गया। किस बात पर झगड़ा हुआ, किसने आशुतोष को मारा, पूरी सच्चाई क्या है ?  ये सब तो जांच का विषय है, जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा,  लेकिन बिग बास विजेता आशुतोष का जो रूप लोगों ने देखा, वो वाकई हैरान करने वाला था। वैसे आशुतोष का कहना है कि रेस्टोरेंट में उनके साथ मारपीट की गई। पार्टी में शामिल लोगों के बीच फोटो खिंचवाने को लेकर इस हंगामे की शुरुआत हुई। किसी ने आशुतोष के फोटोग्राफर दोस्त से हाथापाई की, जिसके बाद पार्टी में मौजूद लोगों में आपस में मारपीट शुरू हो गई।

खैर मुंबई की पार्टी में दारू पीकर हंगामा, गाली गलौच, मारपीट कोई नई बात नहीं है। इस तरह की घटनाएं आमतौर पर होती ही रहती हैं। मुझे तो हैरानी वहां के लोगों पर है, जो ऐसे लोगों को अपने घर की पार्टी में बतौर मेहमान पैसे देकर बुलाते हैं। नाम का उल्लेख करना ठीक नहीं रहेगा, लेकिन दो साल पहले की बात है, एक निर्यातक परिवार ने अपने बेटे की शादी दिल्ली के एक नामी गिरामी होटल में की। यहां एक पंजाबी गायक को मेहमान के तौर पर बुलाया गया था। एक ओर शादी की रस्में चल रही थीं, दूसरी ओर तमाम लोग जो पहले  ही शराब पीकर शादी के जश्न मे आए थे और फिर यहां भी दारू वारू का बढिया इंतजाम था, तो यहां  भी शुरू हो गए। जब सब दारू पीकर मस्त हो गए तो उनकी नजर पंजाबी गायक  पर पड़ी, बस फिर क्या, उन्होंने गायक से कहा कि वो अब गाना गाएं। बस  इसी बात पर मामला बिगड़ गया। गायक ने साफ कर दिया कि उन्होंने जो पैसे लिए हैं, वो शादी में शरीक होने के लिए, वो गाना-वाना नहीं गाएंगे। बस फिर क्या शुरू हो गई गाली-गलौच। शादी का मजा किरकिरा हो गया। बहरहाल काफी मान मनौवल और गायक ने कुछ और पैसे लेकर दो चार गाने जरूर गा दिए, लेकिन लोगों  का नशा तो झगड़े  में ही किरकिरा हो गया, तो भला वो गाने पर ठुमका क्या लगा पाते। यहां भी कोने में बैठे बुजुर्गवार लोग बार बार पूछ रहे थे कि माजरा क्या है, उनकी तो कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था।

चलिए लगे हाथ एक ज्ञान की बात भी कर लूं,  फिर आगे बढ़ते हैं। मित्रों आप जब कभी बच्चे के जन्मदिन की पार्टी करें और अगर आपके घर में बच्चे के दादा-दादी या नाना-नानी मौजूद हैं, तो पहले उनकी मौजूदगी में केक जरूर कटवा दें। जन्मदिन पर बच्चे को टीका करके इन बुजुर्गों को ना सिर्फ खुशी मिलती है, बल्कि सच कहें तो इससे इनकी उम्र भी बढ़ जाती है। ऐसा कभी ना करें कि बुजुर्गों को कोने के कमरे में बैठा दें और वो बेचारे पार्टी  खत्म होने का इंतजार करते हुए बिना खाए पिए ही रात गुजार दें। बड़े-बड़े शहरों में ऐसी छोटी-छोटी बातें होती हैं, लेकिन सच कहूं ये बुजुर्गों के लिए बहुत बड़ी बात होती है और वो इसे जीवन पर नहीं भूल पाते हैं। खैर छोड़िए, मैं आपको  ज्यादा बोर नहीं करने वाला, क्योंकि आज बुजुर्गों की बात कीजिए तो आमतौर पर यही कहा जाता है कि बस कीजिए, बहुत हो गया।

आशुतोष की बात पर वापस लौटते हैं, क्योंकि आज के हीरो भी तो वही हैं। आप सवाल कर सकते हैं यूपी के सहारनपुर का रहने वाला ये लड़का जो महज एक ढाबे का मालिक था, हिंदी के अलावा और भाषा की जानकारी भी नहीं है। आखिर ये बिग बास के घर में पहुंचा कैसे ? दरअसल आप सब जानते हैं मनोरंजक चैनलों के निशाने पर मध्यम वर्ग है, जिनके बीच में वो अपनी पैंठ बनाने में लगे हुए हैं। इसलिए शो में प्रतियोगियों के नाम पर अधिक पैसा खर्च नहीं कर सकते। ऐसे में ये दो एक ऐसे लोगों को उठा लाते हैं, फिर मुंबई में बहुत सारे लोग हैं जो स्ट्रगल कर रहे हैं, उन्हें अगर तीन महीने बढिया रहने और खाने के इंतजाम के साथ कुछ पैसे भी मिल जाएं तो भला क्या बुरा है। इसके अलावा दो एक खाली पड़े फिल्मी कलाकर भी ये लोग तलाश ही लेते हैं। खैर शो के बारे में तो आप सब जानते ही हैं। मैं तो ये कहने आया हूं कि टीवी वाले क्या कर रहे हैं, ये तो वो जानें, पर जब आपका एक कद बन गया है तो उसकी मर्यादा तो कम से कम कलाकार को बनाकर ही रखनी चाहिए। लेकिन मुंबई की चकाचौंध और पैसा लोगों को पटरी से उतार देता है।

आपको याद होगा राजा चौधरी जो बिग बास के घर में रह चुके हैं,  उन्होंने भी एक पार्टी में शराब पीकर खूब हंगामा किया था। कई दिन तो वो भी मीडिया की सुर्खियों में रहे हैं। अब आशुतोष ने शराब के नशे में मुंबई की सड़कों पर हंगामा काटा। सच कहूं तो मनोरंजक चैनलों को इस बारे में अब गंभीरता से सोचना चाहिए। क्योंकि आज भी जब किसी  रियलिटी शो का विजेता गलत काम में फंस जाता है तो उसका परिचय यही कह कर कराया जाता है कि वो फला शो का विजेता रहा है। मसलन अगर लोगों को बताया जाता कि  आशुतोष कौशिक ने शराब के नशे में हंगामा किया, तो सच बताएं कोई इन्हें पहचानता भी नहीं। क्योंकि उनकी पहचान आज भी यही है कि वो बिग बास सीजन दो के विजेता हैं। हां वैसे आशुतोष को एक पहचान मिल गई थी, अगर वो चाहते तो अपनी मेहनत के बल पर अपना नाम रोशन कर सकते थे, लेकिन उनकी हालत ये है कि आज चार साल बीत जाने के बाद भी उनके नाम के आगे जब तक बिग बास का जिक्र ना हो, उनकी अपनी कोई पहचान नहीं है।


18 comments:

  1. बड़े लोग बडी बाते .....वक्त के साथ हर चीज़ बदल रही है

    ReplyDelete
    Replies
    1. हां जी, बात तो आपने सही कहा, पर बदलना होगा ना...

      Delete
  2. अचानक मिल गयी शोहरत और पैसा हर कोई संभाल नहीं पाता.
    और नशे में व्यक्ति की असली शख्सियत सामने आ ही जाती है.

    ReplyDelete
  3. अपनी उपलब्धियों को सहेज कर बरकरार रखना सबके बस की बात नही होती,,,

    बीबी बैठी मायके , होरी नही सुहाय
    साजन मोरे है नही,रंग न मोको भाय..
    .
    उपरोक्त शीर्षक पर आप सभी लोगो की रचनाए आमंत्रित है,,,,,
    जानकारी हेतु ये लिंक देखे : होरी नही सुहाय,

    ReplyDelete
  4. यही तो फ़ायदा है-
    हुल्लड़ करने का -
    याद आ जाते हैं लोग-
    जाते जाते लौट आते हैं लोग-
    आभार

    ReplyDelete
  5. इन्हें तो सेलिब्रिटी कहना ही गलत होगा ..... दुखद

    ReplyDelete
  6. बहुत बहुत आभार वंदना जी

    ReplyDelete
  7. बडा मुश्किल है शोहरत को पचाना.

    रामराम

    ReplyDelete
    Replies
    1. सही कहा आपने, ये तो है मुश्किल

      Delete
  8. महेन्द्र जी नमस्कार !
    अब क्या कहूँ ...आँखों देखा हाल सुन लिया ..पढ़ लिया !
    आपके लेख से कुछ शब्द कापी किये हैं ??
    आमतौर पर यही कहा जाता है कि बस कीजिए, बहुत हो गया।

    खुश रहें स्वस्थ रहें !

    ReplyDelete
    Replies
    1. प्रणाम सर
      आपके आशीर्वाद से बहुत ताकत मिलती है।

      Delete
  9. पहली बार आप के ब्लॉग पर आने का मौका मिला ,अलग तरह का ब्लॉग है ,अच्छा लिखते है आप ,आशुतोष के बारे में मेरी राय आप से मिलती जुलती ही है

    ReplyDelete
  10. बहुत बहुत आभार
    आपका हमेशा यहां इंतजार रहेगा..

    ReplyDelete
  11. महेन्द्र जी,
    शायद आप आशुतोष को नहीं जानते...... और इसमें आप का कोई दोष भी नहीं है..
    शायद आप वह चैनल(Mटीवी)नहीं देखते जो अपना परिचय इस प्रकार से देता है- "हम वाही चैनल है जिसे देखने से आप की मम्मी मना करती है"


    हम जैसे 16से25 साल के लोगो के नाम पर एक टीवी प्रोग्राम अता है "Mtvरोडीज".
    आशुतोष उसी के 5वे सीजन का विजेता है....(आजकल 10वा सीजन चल रहा है रोडीज का Mtv पर)

    "रोडीज5" के आडीसन पर Mtv के vj निखिल चिनप्पा ने आशुतोष से क्या पूछा था यह आप youtube पर खुद को वयस्क साबित करके ही देख सकते है...





    मेरी टीवी पर CNN-IBN या IBN-7 नहीं आता है तो यह खबर मुझे नहीं मिली है..
    पर मै दावे से कह सकता हूँ कि ऊपर जो दो नाम मैंने लिए है यह खबर उन दोनों चैनेलो पर जरुर दिखाई गयी होगी(फोटो में इन चैनेलो का माइक भी दिख रहा है)


    अब मै आशुतोष की असली कहानी आप को बताता हूँ....
    नेटवर्क18(CNN-IBN और IBN-7 की मालिक और Mtv और कलर्स की 50% मालकियत वाली कम्पनी) कुछ लोगो की "गॉडफादर" भी है..."विकी डोनर" का हीरो "आयुष्मान खुराना'(रोडीज 2 का विजेता) हो या बिग बॉस2 का विजेता आशुतोष सभी नेटवर्क18 की कृपा से ही जाने जाते है....


    असल में "सोनी" पर आने वाले "बिगबॉस" को जब कलर्स पर दिखाया गया तो "नेटवर्क 18" ने एक तीर से दो निशाने से दो सिकार किये....
    1करोंड़ का इनाम(जो कि दिया ही नहीं गया था) अपने ही सहयोगी चैनेल के एक शो के भूतपूर्व विजेता को दिलवा दिया और "बिगबॉस" के साथ "रोडीज" का प्रचार भी किया और 1करोड रुपये भी बचा लिए......

    वाही आशुतोष भी चरचा पा कर खुश हो गया और आप के बताये हुए पार्टी में जा कर पैसे कमाने वाले तरीके से अब तक करोडो कमा भी चुका है.......

    आशुतोष बिग बॉस 2 में आने से पहले ही हम लोगो के लिए एक जाना पहचाना नाम था... और बिग बॉस 2 जितने के बाद वो उसी तरह फेमस करोडपती था जैसे बाद में kbc में 5करोड़ जितने वाला वो बिहारी था आप की नजर में....

    3-4 साल पहले वो एक ऐसा यूथ आइकोन था जिस ने युवाओ को बताया था कि "एक अंग्रेजी न जानने वाला भी अंगरेजो के चैनलो के दम पर करोडपती बन सकता है."

    ReplyDelete

आपके विचारों का स्वागत है....