बिग बाँस सीजन छह की उल्टी गिनती शुरू हो गई है, महज 48 घंटे बाद यानि शनिवार को बिग बाँस के घर से विजेता 50 लाख रुपये के ब्रीफकेश के साथ अपने घर चला जाएगा। बहरहाल तमाम दूसरे रियेलिटी-शो की तरह ये भी एक रियलिटी-शो है, इस पर बहुत ज्यादा बहस की गुंजाइश नहीं है। सच तो ये है कि अगर इस शो के साथ अभिनेता सलमान खान का नाम ना जुड़ा होता तो मुझे नहीं लगता कि ये शो लोगों के बीच में इतना पापुलर होता। वैसे भी बिग बाँस शो के बारे में जब भी चर्चा होती है, मैं देखता हूं ज्यादातर लोग इस शो से निराश हैं। मैं जब उन्हें बताता हूं कि मैं तो इस शो को नियमित देखता हूं तो सच में लोग हैरान हो जाते हैं।
बहरहाल बिग बाँस के प्रतियोगी, मैं और सलमान खान इस शो के साथ एक लंबा सफर तय करके अब फैसले के मुकाम तक आ पहुंचे हैं। ये शो कितना कामयाब रहा ये तो चैनल के कर्ताधर्ता जाने। लेकिन मैं इस शो का नियमित दर्शक होने के नाते ये जरूर कहूंगा कि इस बार शो ने थोड़ा निराश किया है। मेरी समझ में नहीं आ रहा है कि इस शो के लिए क्या चैनल को प्रतियोगी नहीं मिल रहे थे या प्रतियोगियों की भारी भरकम फीस की वजह से चैनल इस शो की महज खानापूरी कर रहा है। हां शो का कद ऊंचा करने के लिए क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू को जरूर महीने भर के लिए लाया गया। बस महीने भर बाद अचानक उन्हें घर से बाहर जाने की इजाजत दे दी गई। कहा गया कि सिद्धू को बीजेपी गुजरात चुनाव में इस्तेमाल करना चाहती है, इसलिए उनका घर से बाहर आना जरूरी है। अब सच क्या है ये तो चैनल और सिद्दू जाने। लेकिन सबको पता था कि दिसंबर में गुजरात का चुनाव होना है। प्रचार के लिए जिन लोगों के नाम निर्वाचन आयोग को भेजे गए थे, उसमें सिद्धू का नाम पहले से ही शामिल था। इससे तो यही लगता है कि एकतय रकम पर महीने भर के लिए ही सिद्धू को घर में लाया गया था। देश ने देखा सिद्धू ने गुजरात में कितना प्रचार किया हा उन्होंने क्रिकेट की कमेंट्री जरूर की।
बहरहाल सिद्धू को मैं इस बात के लिए जरूर बधाई दूंगा कि वो जब तक घर में रहे, उन्होंने कुछ भी ऐसा नहीं किया जिससे उनकी छीछालेदर हो। लेकिन ये एक खेल है और अगर आप खेल के नियम का पालन नहीं करते हैं तो फिर कैसा खेल ! कई बार देखा गया कि सिद्धू ने कहा कि उन्हें नहीं मालूम था कि घर में ऐसा कुछ होता है, अरे भाई सिद्धू जी आप खेल के मैदान में उतर गए और खेल के नियम जानते ही नहीं। ये क्या बात हुई। बाकी प्रतियोगियों के बारे में क्या बात करें। मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि वो शो में क्या करने आए थे और चैनल उन्हें क्यों लाया था। घर से पहले ही बेघर हो चुके लोगों की अब चर्चा करना बेमानी है, लेकिन आज जो लोग घर में हैं, मैं ईमानदारी से बात करूं तो सच में मैं आज तक नहीं समझ पा रहा हूं कि ये लोग घर में क्यों हैं ? बिग बाँस ने इन्हें घर में क्यों बुलाया था और इन्होंने इतने दिनों में किया क्या है?
छोटे पर्दे पर हमेशा निगेटिव रोल करने वाली उर्वशी ढोलकिया पहले दिन से घर में हैं। मुझे लग रहा था कि उर्वशी जब यहां से निकलेगी तो उसकी अपनी छवि पूरी तरह बदली होगी। लेकिन वो अपने चेहरे के हाव भाव, रहन सहन और शोर शराबे के चलते जहां थी, वहां से एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाई। पूरे दिन खाना और पसर के सोने के अलावा ऐसा कुछ भी करते नहीं दिखी उर्वशी, जिससे ये कहा जा सके कि उसकी उम्र की महिलाओं ने उससे ये बातें सीखीं हैं। अगर बात करें डेलनाज और राजीव की तो मेरी समझ में सिर्फ एक ही बात आई। इन दोनों का तलाक हो चुका है, बिग बाँस को लगा कि ये दोनों आपस में लड़ झगड़ कर लोगों का मनोरंजन करेंगे। इसीलिए इन्हें घर में जगह मिली, लेकिन हुआ इसका उल्टा। डेलनाज देश के लोगों की सहानिभूति बटोरने के लिए बार बार एक ही बात कहती रही कि मेरे घर की ईएमआई आज भी जाती है,जबकि जो घर उसने राजीव को दिया है उसकी ईएमआई पूरी हो चुकी है। अरे भाई आपकी ईएमआई से आमजनता को क्या लेना देना है। अगर आप दोनों यहां अपने मतभेद भुला कर फिर से घर बसाने की बात करते तो शायद एक मैसेज जाता कि छोटी छोटी बातों से लोग अलग हो जाते हैं,लेकिन बात समझ में आती है तो वो फिर एक छत के नीचे रहते हैं। लेकिन ये दोनों एक अच्छा मौका गवां बैठे, इसके अलावा इन दोनों के घर वालों ने तो आग में घी डालने का काम किया।
बहरहाल डेलनाज बाहर हो चुकी है, राजीव के बारे में मैं आज तक नहीं समझ पाया कि वो आदमी है या औरत है, या फिर वो है, जिसे ना हम अपना भाई कह सकते है और ना ही बहन। कई बार सलमान और दूसरे घर वाले उसे कह चुके हैं कि तुम्हें अपनी ओछी हरकतों पर नियंत्रण करना चाहिए। अब अपने से आधी उम्र की सना के पीछे-पीछे जिस तरह वो चिपकने की कोशिश करता है, उससे तो उसकी छवि और भी खराब हो रही है, पर राजीव को लगता है कि उस पर लड़कियां फिदा हैं। पागल कहीं का। बात निकेतन की भी हो जाए। निकेतन जब से घर में है क्या कर रहा है। आदमी इतना हल्का है कि सही होने पर भी माफी मांगता फिर रहा है। सच कहूं तो आज निकेतन सबसे ज्यादा परेशान है। उसे लग रहा है कि उसने जीवन में जो सबसे बड़ी गलती की है वो ये कि जब बिग बाँस ने 20 लाख रुपये लेकर घर छोड़ने का आफर किया था तो उसे चला जाना चाहिए था। दूसरों के बहकावे में आकर उसने गलत फैसला लिया। वैसे अंदर की बात ये है कि 50 लाख जीतने वालों में उसका नाम सबसे ऊपर है।
एक अन्य प्रतियोगी जिसकी कोई पहचान ही नहीं है। वो खुद जब अपना परिचय देती है तो कहती है कि आपने वो वाला विज्ञापन देखा है, उसमें मैं ही हूं। चलिए आप भी जान लीजिए कि वो कौन सा विज्ञापन है। एक विज्ञापन में महिला कच्छा धोती हुई कहती है कि " ये तो बड़ा टोइंग है " । सना ये बात लोगों को बड़े ही गर्व से बताती है कि मैं ही कच्छे का लास्टिक खींचते हुए गाती हूं कि ये तो बड़ा टोइंग है। अब जिसका परिचय ही ये है, उसके बारे में ज्यादा क्या चर्चा करूं। हां बिग बाँस ने शो में जरा मशाला डालने के लिए उसे शामिल किया, बाद में उसके ब्वाय फ्रैंड विशाल को भी घर में भेजा। चैनल ने सोचा होगा कि थोडा इनका प्रेमालाप चलेगा तो हो सकता है कि शो को टीआरपी मिले। लेकिन सना तो राजीव और विशाल दो लोगों के साथ खेल रही थी, लिहाजा बिग बाँस का ये दांव भी खाली गया।
बात इमाम की भी कर ली जाए। हालाकि मुझे लगता नहीं कि इमाम सामान्य है, मुझे वो अस्वस्थ लगता है। उसकी हरकतें जिस तरह की है उससे तो सच में यही लगता है कि अगर समय रहते उसे किसी अच्छे डाक्टर को नहीं दिखाया गया तो आने वाले समय में उसकी तवियत और बिगड़ सकती है। वैसे बवाल मचाने के बाद वो जिस तरह से तुरंत सामान्य आचरण करने लगता है इससे कई बार तो यही लगता है कि वो इसे एक गेम समझ कर खेल रहा है और इसमें वो कामयाब भी है। क्योंकि जब से इमाम घर में आया है, पूरे दिन कैमरा उसी पर फोकस रहता है। अगर पिछले 15 दिन की बात करें तो मैं यहां तक कह सकता हूं कि अगर घर में इमाम नहीं होता तो चैनल वालों को पूरे 24 घंटे में एक घंटे का शो बनाने में भी मुश्किल होती। बहरहाल ज्यादा उम्मीद है कि निकेतन और उर्वशी में ही कोई विजेता होगा, लेकिन एक वोट मेरा है वो जाता है इमाम के साथ।
बहरहाल बिग बाँस के प्रतियोगी, मैं और सलमान खान इस शो के साथ एक लंबा सफर तय करके अब फैसले के मुकाम तक आ पहुंचे हैं। ये शो कितना कामयाब रहा ये तो चैनल के कर्ताधर्ता जाने। लेकिन मैं इस शो का नियमित दर्शक होने के नाते ये जरूर कहूंगा कि इस बार शो ने थोड़ा निराश किया है। मेरी समझ में नहीं आ रहा है कि इस शो के लिए क्या चैनल को प्रतियोगी नहीं मिल रहे थे या प्रतियोगियों की भारी भरकम फीस की वजह से चैनल इस शो की महज खानापूरी कर रहा है। हां शो का कद ऊंचा करने के लिए क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू को जरूर महीने भर के लिए लाया गया। बस महीने भर बाद अचानक उन्हें घर से बाहर जाने की इजाजत दे दी गई। कहा गया कि सिद्धू को बीजेपी गुजरात चुनाव में इस्तेमाल करना चाहती है, इसलिए उनका घर से बाहर आना जरूरी है। अब सच क्या है ये तो चैनल और सिद्दू जाने। लेकिन सबको पता था कि दिसंबर में गुजरात का चुनाव होना है। प्रचार के लिए जिन लोगों के नाम निर्वाचन आयोग को भेजे गए थे, उसमें सिद्धू का नाम पहले से ही शामिल था। इससे तो यही लगता है कि एकतय रकम पर महीने भर के लिए ही सिद्धू को घर में लाया गया था। देश ने देखा सिद्धू ने गुजरात में कितना प्रचार किया हा उन्होंने क्रिकेट की कमेंट्री जरूर की।
बहरहाल सिद्धू को मैं इस बात के लिए जरूर बधाई दूंगा कि वो जब तक घर में रहे, उन्होंने कुछ भी ऐसा नहीं किया जिससे उनकी छीछालेदर हो। लेकिन ये एक खेल है और अगर आप खेल के नियम का पालन नहीं करते हैं तो फिर कैसा खेल ! कई बार देखा गया कि सिद्धू ने कहा कि उन्हें नहीं मालूम था कि घर में ऐसा कुछ होता है, अरे भाई सिद्धू जी आप खेल के मैदान में उतर गए और खेल के नियम जानते ही नहीं। ये क्या बात हुई। बाकी प्रतियोगियों के बारे में क्या बात करें। मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि वो शो में क्या करने आए थे और चैनल उन्हें क्यों लाया था। घर से पहले ही बेघर हो चुके लोगों की अब चर्चा करना बेमानी है, लेकिन आज जो लोग घर में हैं, मैं ईमानदारी से बात करूं तो सच में मैं आज तक नहीं समझ पा रहा हूं कि ये लोग घर में क्यों हैं ? बिग बाँस ने इन्हें घर में क्यों बुलाया था और इन्होंने इतने दिनों में किया क्या है?
छोटे पर्दे पर हमेशा निगेटिव रोल करने वाली उर्वशी ढोलकिया पहले दिन से घर में हैं। मुझे लग रहा था कि उर्वशी जब यहां से निकलेगी तो उसकी अपनी छवि पूरी तरह बदली होगी। लेकिन वो अपने चेहरे के हाव भाव, रहन सहन और शोर शराबे के चलते जहां थी, वहां से एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाई। पूरे दिन खाना और पसर के सोने के अलावा ऐसा कुछ भी करते नहीं दिखी उर्वशी, जिससे ये कहा जा सके कि उसकी उम्र की महिलाओं ने उससे ये बातें सीखीं हैं। अगर बात करें डेलनाज और राजीव की तो मेरी समझ में सिर्फ एक ही बात आई। इन दोनों का तलाक हो चुका है, बिग बाँस को लगा कि ये दोनों आपस में लड़ झगड़ कर लोगों का मनोरंजन करेंगे। इसीलिए इन्हें घर में जगह मिली, लेकिन हुआ इसका उल्टा। डेलनाज देश के लोगों की सहानिभूति बटोरने के लिए बार बार एक ही बात कहती रही कि मेरे घर की ईएमआई आज भी जाती है,जबकि जो घर उसने राजीव को दिया है उसकी ईएमआई पूरी हो चुकी है। अरे भाई आपकी ईएमआई से आमजनता को क्या लेना देना है। अगर आप दोनों यहां अपने मतभेद भुला कर फिर से घर बसाने की बात करते तो शायद एक मैसेज जाता कि छोटी छोटी बातों से लोग अलग हो जाते हैं,लेकिन बात समझ में आती है तो वो फिर एक छत के नीचे रहते हैं। लेकिन ये दोनों एक अच्छा मौका गवां बैठे, इसके अलावा इन दोनों के घर वालों ने तो आग में घी डालने का काम किया।
बहरहाल डेलनाज बाहर हो चुकी है, राजीव के बारे में मैं आज तक नहीं समझ पाया कि वो आदमी है या औरत है, या फिर वो है, जिसे ना हम अपना भाई कह सकते है और ना ही बहन। कई बार सलमान और दूसरे घर वाले उसे कह चुके हैं कि तुम्हें अपनी ओछी हरकतों पर नियंत्रण करना चाहिए। अब अपने से आधी उम्र की सना के पीछे-पीछे जिस तरह वो चिपकने की कोशिश करता है, उससे तो उसकी छवि और भी खराब हो रही है, पर राजीव को लगता है कि उस पर लड़कियां फिदा हैं। पागल कहीं का। बात निकेतन की भी हो जाए। निकेतन जब से घर में है क्या कर रहा है। आदमी इतना हल्का है कि सही होने पर भी माफी मांगता फिर रहा है। सच कहूं तो आज निकेतन सबसे ज्यादा परेशान है। उसे लग रहा है कि उसने जीवन में जो सबसे बड़ी गलती की है वो ये कि जब बिग बाँस ने 20 लाख रुपये लेकर घर छोड़ने का आफर किया था तो उसे चला जाना चाहिए था। दूसरों के बहकावे में आकर उसने गलत फैसला लिया। वैसे अंदर की बात ये है कि 50 लाख जीतने वालों में उसका नाम सबसे ऊपर है।
एक अन्य प्रतियोगी जिसकी कोई पहचान ही नहीं है। वो खुद जब अपना परिचय देती है तो कहती है कि आपने वो वाला विज्ञापन देखा है, उसमें मैं ही हूं। चलिए आप भी जान लीजिए कि वो कौन सा विज्ञापन है। एक विज्ञापन में महिला कच्छा धोती हुई कहती है कि " ये तो बड़ा टोइंग है " । सना ये बात लोगों को बड़े ही गर्व से बताती है कि मैं ही कच्छे का लास्टिक खींचते हुए गाती हूं कि ये तो बड़ा टोइंग है। अब जिसका परिचय ही ये है, उसके बारे में ज्यादा क्या चर्चा करूं। हां बिग बाँस ने शो में जरा मशाला डालने के लिए उसे शामिल किया, बाद में उसके ब्वाय फ्रैंड विशाल को भी घर में भेजा। चैनल ने सोचा होगा कि थोडा इनका प्रेमालाप चलेगा तो हो सकता है कि शो को टीआरपी मिले। लेकिन सना तो राजीव और विशाल दो लोगों के साथ खेल रही थी, लिहाजा बिग बाँस का ये दांव भी खाली गया।
बात इमाम की भी कर ली जाए। हालाकि मुझे लगता नहीं कि इमाम सामान्य है, मुझे वो अस्वस्थ लगता है। उसकी हरकतें जिस तरह की है उससे तो सच में यही लगता है कि अगर समय रहते उसे किसी अच्छे डाक्टर को नहीं दिखाया गया तो आने वाले समय में उसकी तवियत और बिगड़ सकती है। वैसे बवाल मचाने के बाद वो जिस तरह से तुरंत सामान्य आचरण करने लगता है इससे कई बार तो यही लगता है कि वो इसे एक गेम समझ कर खेल रहा है और इसमें वो कामयाब भी है। क्योंकि जब से इमाम घर में आया है, पूरे दिन कैमरा उसी पर फोकस रहता है। अगर पिछले 15 दिन की बात करें तो मैं यहां तक कह सकता हूं कि अगर घर में इमाम नहीं होता तो चैनल वालों को पूरे 24 घंटे में एक घंटे का शो बनाने में भी मुश्किल होती। बहरहाल ज्यादा उम्मीद है कि निकेतन और उर्वशी में ही कोई विजेता होगा, लेकिन एक वोट मेरा है वो जाता है इमाम के साथ।
ये सही है कि इमाम..पागल है
ReplyDeleteफिर भी मुझे लगता है कि वही जीतेगा भी ..क्यों कि बाकि सब लोग यहाँ बोरे ही कर रहें है ...इमाम के शोर शराबे से बिग बॉस अभी तक TRP में बढत बनाए हुए है
हाहाहाहहाहा
Deleteजी सही कहा आपने, उसकी वजह से शो चल रहा है..
shukra hai big boss khatm ho raha hai..ab karodo aaram ke ghante log apne parivar ke sath bita payenge...
ReplyDeleteहाहाहााहहा,
Deleteजी सही कहा आपने, ये भी एक नजरिया है।
TRP में बढत बनाए रखने के लिए ही इमाम को रखा है,मुझे लगता है इमाम ही जीतेगा,,,,
ReplyDeleterecent post : जन-जन का सहयोग चाहिए...
जी ये भी हो सकता है..
Deleteमेरा उर्वशी को ....
ReplyDeleteमैं देखती नहीं,पर बच्चों के कहने पर देखने लगी इधर . छोटी बेटी इमाम को देखते क्रोध में आ जाती है :)
हाहाहाहााहाहााहहा
ReplyDeleteआपका वोट उर्वशी के नाम रजिस्टर कर लिया गया है। मैं इमाम का प्रशंसक नहीं हूं, लेकिन टीवी से जुड़े होने की वजह से मैं जानता हूं कि अगर वो नहीं होता तो घंटे पर का शो दिखाना मुश्किल हो जाता। उर्वशी की ऐसी क्या चीजें हैं जो लोग देखना चाहेंगे.. इमाम पागलपन ही करे, कुछ करता तो है...
मैं आपकी इस बात से सहमत हूं कि इमाम ने कुछ तो किया, लेकिन बाकी लोगों का कोई योगदान ही समझ में नहीं आ रहा है। वैसे ऐसे लोगों को अगर घर में रखना है तो बिग बास को बंद कर देना ही बेहतर है।
ReplyDeleteसहमत हूं
Deleteबिल्कुल
हम तो देखते ही नही ये शो ... लिहाज़ा .... :)
ReplyDeleteआपके ब्लॉग में आकर इतना पता चल गया... ये ही काफ़ी है !:)
~सादर!!!
हाहााहहा
Deleteजी ये अच्छा है,
भाई मेरा वोट जरूर कमजोर पड़ गया, इमाम दूसरे नंबर पर रहा। लेकिन मैं अभी भी इसी मत का हूं कि जीतना इमाम को ही चाहिए था, उसने घर में वाकई अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, उर्वशी का घर में कुछ भी ऐसा नहीं रहा, जो उसे जीत का हकदार बनाए.. फिर जनता है, जनता का फैसला तो मानना ही होगा ना..
ReplyDeleteआपको मकर संक्राति की बधाई।
ReplyDeleteशुक्रिया
Deleteआपको भी बहुत बहुत शुभकामनाएं