ये है बिग बास का घर। यहां कोई किसी का सगा
नहीं। यहां सबके चेहरे तो असली है, लेकिन उनका किरदार नकली यानि बनावटी है। 24
घंटे इन सबके दिमाग में एक ही बात घूमती है कि कैसे साथी प्रतियोगियों को पटखनी
देकर बिग बास की इनामी राशि पर हाथ साफ करे। अच्छा मजेदार बात ये है कि इन प्रतियोगियों
से बात करें कि वो बिग बास के घर में क्यों आए हैं ? इसका जवाब
सभी का लगभग एक सा है। मसलन ये सभी यहां कुछ सीखने आए हैं। भाई अगर वाकई कुछ सीखने
आए हैं तो ये अच्छी बात है। लेकिन सीखने आना था तो साफ सुथरे, खुले मन और दिमाग भर
लेकर आते। यहां घर में झूठ, मक्कारी, फरेब और घटियापन को अपने साथ लाने की भला
क्या जरूरत थी ? वैसे भी जब दिमाग में कूड़ा भरा हो तो यहां
सीखेंगे क्या ? मुझे तो कई बार लगता है कि इन घर वालों से तो
पूछा ही जाना चाहिए कि इतने दिनों में कोई एक बात जो इन्होंने सीखी हो और घर के
बाहर भी पूछ लिया जाए कि लोगों को इस शो से क्या सीखने को मिल रहा है।
बिग बास के घर में क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू
कुछ दिन तक तो इस तरह बड़ी बड़ी बातें करते रहे, जैसे वो ही बिग बास के बाप हैं।
हर बात में ज्ञान की लंबी लबी लफ्फाजी छोड़ते रहे। घर में मिलने वाले टास्क को वो
गंभीरता से नहीं ले रहे थे, यहां तक की खेल के नियम यानि साप्ताहिक “नामिनेशन” करने में उन्हें लग रहा था कि वो अपने धर्मविरुद्ध
काम कर रहे हैं। बिग बास ने इसकी सजा जब सारे घर वालों को नामिनेट करके सुना दी,
तो सिद्दू बैकफुट पर आ गए। उन्हें लग गया कि ऐसे तो घर में सब उनके खिलाफ हो
जाएंगे। बस उन्होंने ऐलान कर दिया कि अब दो लोग मेरी नजर में आ गए हैं और मौका
मिला तो नामिनेट करेंगे। बिग बास ने बुलाया और सिद्धू ने तड़ से दो नाम ले लिए।
सिद्धू को सेवक बनाया गया तो उन्हें सेवक वाली लुंगी पहनने से इनकार किया, मालिक
से पहले भोजन कर टास्क को फेल किया।
वैसे तो सिद्धू खुद कई बार ये बात कह चुके हैं
कि बिग बास के घर में आने के लिए उनका परिवार रोक रहा था। लोगों ने पिछले पांच
सीजन देखें है, उन्हें लग रहा था कि यहां का माहौल बड़ा गंदा होता है। सिद्धू का कहना
है कि वो अपने परिवार से ये वादा करके आए हैं कि कोई ऐसा काम नहीं करेंगे, जिससे
उनकी इमेज पर बट्टा लगे। लेकिन बड़ा सवाल ये भी है कि खेल कुछ नियम कायदे होते
हैं, वो तो आपको मानना ही होगा। लेकिन सिद्धू मनमानी कर रहे हैं, टास्क में हिस्सा
नहीं ले रहे, जिससे एक बार तो घर का लक्जरी बजट भी शून्य हो गया। सिद्धू घर के
भीतर जिस तरह खुद को प्रोजेक्ट कर रहे थे, उससे मुझे तो यही लग रहा था कि जैसे वो
बिग बास के भी बाप हैं। लेकिन बिग बास ने भी सिद्धू को दिखा दिया कि घर में उनकी
हैसियत क्या है, और बिग बास की क्या है।
बिग बास ने देखा कि सब घरवाले
सिद्धू को सर का संबोधन करते हैं। इससे सिद्धू को लगता है कि घर के बिग बास वो ही
हैं। बस बिग बास ने तय कर लिया कि सिद्धू को अगर समय रहते नहीं बता दिया गया कि ये
एक खेल है और खेल में कोई बड़ा छोटा नहीं होता तो आगे और मुश्किल हो सकती है। बस
फिर क्या था, बिग बास ने कैप्टन के चुनाव के नाम पर घर में वोटिंग करा दी। सिद्धू
और डेलनाज के बीच हुए मतदान में सिद्धू को एक भी वोट नहीं मिला। मुझे लगता है कि
सिद्धू को इसी से सीख लेना चाहिए कि एक घर में लोगों का दिल जीतना कितना मुश्किल
काम है। दूसरे घर वाले तो सिद्धू को सर कहकर उनका दिल जीत चुके है, पर क्या सिद्धू ने कभी घर वालो का दिल जीतने
के लिए कुछ किया। मैने तो नहीं देखा कि वो ऐसा कुछ कर रहे हैं। हां बड़े क्रिकेटर
रहे हैं, हम सब सम्मान करते हैं, लेकिन घर में वो ऐसा कुछ नहीं कर पाए हैं जिससे
कहा जाए कि यहां वो फिट हैं।
मुझे तो कोई हैरानी नहीं होगी अगर
सिद्धू नवंबर के आखिरी हफ्ते या उसके कुछ पहले किसी बहाने घर से बाहर चले जाएं। आप
सबको पता है कि गुजरात में चुनाव चल रहा है। चुनाव के दौरान बीजेपी सिद्धू को
चुनाव प्रचार में इस्तेमाल करती है। भारत
निर्वाचन आयोग में बीजेपी ने गुजरात में चुनाव प्रचार के लिए जिन नेताओं के नामों
की सूची सौंपी है, उसमें नवजोत सिंह सिद्धू का नाम शामिल है। वहां 13 और 17 दिसंबर
यानि दो चरणों में मतदान होना है। ऐसे में कम से कम 15 दिन सिद्धू को वहां प्रचार
करना पड़ सकता है। पार्टी को भी पता है कि इस वक्त सिद्धू बिग बास के घर में हैं।
अगर उन्हें बाहर नहीं आना होता तो पार्टी उनका नाम आयोग ना भेजती। इसलिए मुझे तो
लगता है कि नवंबर के आखिर सप्ताह में सिद्धू की किसी तरह बिदाई हो जाएगी।
गुलाबी गैंग की मुखिया संपत पाल
और ब्यूटिशियन सपना भी यहां है। विचित्र करेक्टर है दोनों का। पहले बात कर लेते
हैं कि सपना का। सपना ने पहले दो तीन दिन जिस तरह की बातचीत की, उससे तो लगा कि आने
वाले समय में देश में वो एक आदर्श महिला की तस्वीर पेश करने वाली हैं। खुद महिला
होकर उन्होंने महिलाओं के पहनावे को लेकर जिस तरह की बातें नेशनल टीवी पर की, वो
बात तो मुझे ब्लाग पर लिखने में भी संकोच है। बहरहाल उनका कहने के मकसद यही था कि
बिग बास चाहते हैं कि महिलाएं कम कपड़े पहने, भद्दे तरीके कमर मटकाएं। सपना ने ये
बताने की कोशिश की कि वो ये सब नहीं कर सकतीं। लेकिन तीन दिन बाद ही सपना खुद 8 – 10
ग्राम कपड़ों में स्विंमिंग पूल में थीं। ये देखकर मुझे जरूर हैरानी हुई।
गुलाबी गैंग की मुखिया संपत के
बारे में क्या कहा जाए। घर वालों ने उनके बारे में ठीक ही कहा कि वो एड़ा बनकर
पेड़ा खा रही हैं। अंदर की बात तो ये है कि संपत ही नहीं खुद बिग बास को भी नहीं
लगा था कि ये इतने दिनों तक यहां टिक पाएंगी। वैसे भी संपत पाल को 28 अक्टूबर को
महिला सशक्तिकरण के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने विदेश जाना था। वो इस कार्यक्रम
में जाने की बहुत इच्छुक भी थीं। लेकिन घर में ऐसे चक्रव्यूह में फंस गई हैं कि
निकलना मुश्किल हो गया है। पिछले दिनों शोर शराबे से लेकर बीमारी तक का जो कुछ भी
नाटक उन्होंने किया, वो जानबूझ कर किया गया, जिससे अनुशासनहीनता में ही उन्हें
बाहर कर दिया जाए। आईं थीं तो कहा कि वो महिलाओं के हक के लिए लड़ाई लड़ती हैं।
लेकिन घर के बाहर हम जो देख रहे हैं, उससे तो यही लग रहा है कि उनकी लड़ाई महिलाओं
के खिलाफ ही चल रही है। घर में झूठ बोलकर भी वो फंस गईं।
मेरी एक शिकायत तो वाकई बिग बास से है। शो में कैसे कैसे लोगों को शामिल किया जाता है। आमतौर पर लोग सेलेब्रेटी को चाहते हैं कि उनके रहन सहन को देखें, वो कैसे रहते हैं घर में। लेकिन बिग बास विवादित और राष्ट्रविरोधी काम करने वालों की यहां मार्केंटिंग कर रहे हैं। देश में संसद को लोकतंत्र का मंदिर कहा जाता है, असीम उसे नेशनल टायलेट बताते हैं। जिस असीम सरकार ने जेल भेजा, उसे बिग बास ने सम्मान देकर अपने शो में शामिल कर लिया। इनके कार्टून में कसाब भारत के संविधान पर टायलेट कर रहा है, भारत माता को तिरंगा पहनाकर गैंगरेप की बात करने वाले को घर में जगह देकर बिगबास ने साबित कर दिया है कि वो देश की बुराइयों का सौदा करते हैं। तलाकशुदा पति पत्नी को भीतर रखा गया है। कोशिश करते ऐसे दंपत्ति को घर में रखने की जिसने दुनिया में नाम कमाया है। खैर फिर यहां वो सब ना हो पाता जो हो रहा है। बहरहाल इसीलिए कहा ना कि
ये है बिग बास का घर, यहां कोई किसी का सगा नहीं।
वैसे आपको भी पता है कि इस घर में आने का मौका
उसे ही मिलता है, जिसमें बिग बास को कुछ "
खास " नजर आता है। आपको हैरानी होगी,
लेकिन सच ये है कि एक बार इस घर में शामिल होने का न्यौता मुझे भी
मिला था। मैं इंटरव्यू के लिए बिग बास के सामने बैठा। उन्होंने मेरा नाम पूछा,
मैने नाम बताया। अगला सवाल था कि क्या आप ज्वाइंट फैमिली में रहते
हैं ? मैने कहा हां, बिग बास को मेरा
जवाब अच्छा नहीं लगा। फिर पूछा सड़क चलते आपकी किसी से कितनीदे बार तू-तू मै-मै हुई है, मैने बताया,
मेरे साथ तो ऐसा नहीं हुआ। बस इतना कहना था कि बिग बास ने एक बहुत
भद्दी सी गाली दी, मैं चौंक गया और मैं उन्हें ऊपर से नीचे
तक देखता रह गया। मेरे मन में बिग बास को लेकर बहुत इज्जत थी, जो एक मिनट में खत्म हो गई। बहरहाल मैं आगे कुछ बात किए बगैर निकल आया।
बाहर मेरी मुलाकात हुई ऐसे शख्स से जिसे दो
दिन बाद बिग बास के घर में होना था। मेरा लटका हुआ चेहरा देखकर उसने पूछा क्या
हुआ। मैने उसे पूरी बात बताई तो वो हंसने लगा। बोला आप तो वाकई बेवकूफ हैं,
ज्वाइंट फैमिली में रहने वाले का यहां क्या काम है? बताइये रास्ते चलते आप चीखेगे चिल्लाएंगे नही तो आपको आगे जाने का रास्ता
कौन देगा ? इसके बाद भी बिग बास ने आपको गाली देकर अंतिम समय
तक जागने का मौका दिया। अगर आप बिग बास के गाली देते ही..उनकी
भी मां का साकी नाका....कर देते तो भी आपका चुना जाना तय था।
चलिए कोई नहीं, आप केबीसी की तैयारी कीजिए, बिग बास से आपकी नहीं बनी तो क्या हुआ बिग बी से जरूर बनेगी।
सटीक विश्लेषण भाई महेंद्र जी-
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार
Deleteबिग बॉस के घर में सभी झूठ का लबादा ओढ़े है,बिग् बॉस के घर में १-२ को छोड़ बाकी सभी बेकार लोगों को लिया है,,,अच्छे लोगों को लिया जाना चाहिए था,,,,,
ReplyDeleteRECENT POST : समय की पुकार है,
मैं आपकी बातों से बिल्कुल सहमत हूं। जिन लोगों को लिया गया है उनमें से एक दो को छोड़ दें तो कोई नेशनल फेस नहीं है.
Deleteघटिया सोच, घटिया कार्यक्रम, फारमेट में भी सुधार की गुंजाइश है..
srivastava ji mai aapki sabhi baato se sahamat hu.. lekh padhkar laga ki aap jarur bigg boss hamesha dekhate hoge..thanks
ReplyDeleteशुक्रिया मित्र, अच्छा होता की अपना नाम लिखकर यहां आते..
Deleteबहुत सही कहा..सटीक विश्लेषण
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार
Deleteमहेन्द्र जी ,
ReplyDeleteहमें तो एक बात समझ में आई है ...यहाँ,झूठा ,लुच्चा.झगड़ालू,गाली-गलोच करने वाला ही राज करेगा और यह ही बिग बॉस भी चाहते हैं ..वर्ना कौन देखेगा नीरस नाटक .....???
जी आपकी बात काफी हद तक सही है..
Deleteयहां सबके चेहरे तो असली है, लेकिन उनका किरदार नकली यानि बनावटी है....very correct.
ReplyDeleteआपने अच्छी पोल खोली है बिग बॉस की!
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार सर
Deletebig boss me kya chalta hai kya hota hai ye to pata nahi ,lekin aapka blog padh kar ye samjh aaya ki ise na dekh kar mein theek hi kar rahi hu..abhar
ReplyDeleteहां आप की बात भी सही है...
Deleteमैं इस बार बिग बौस नहीं देख रही, पहला और दूसरा देखा था...दर्शक कुछ जान नहीं पाते...जानकारी देने के लिए आभार|
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया
Deleteदोष र्सि बिग बॉस का नहीं है ..
ReplyDeleteआज आदर्श व्यक्ति की परिभाषा ही बदल गई है
सही कहा आपने, सहमत हूं
Deletehahaha sab nautanki
ReplyDeleteजी, पर नौटंकी भी ठीक से नहीं कर पा रहे हैं
Deleteये बिग बास है या बैड बास !
ReplyDeleteजी, ये भी सोचना होगा
Deleteवाह!
ReplyDeleteआपकी इस ख़ूबसूरत प्रविष्टि को कल दिनांक 05-11-2012 को सोमवारीय चर्चामंच-1054 पर लिंक किया जा रहा है। सादर सूचनार्थ
शुक्रिया मिश्रा जी
Deleteहे भगवान !
ReplyDeleteहम तो वैसे ही नहीं देखते ये शो ! लोग भी जाने क्यों आ जाते हैं, जो बनी बनाई इमेज है...वो भी सत्यानाश करने....
~सादर!
हाहहाहा
Deleteबात तो सही कहा आपने.. आभार
बिग बॉस भी आज आपके कटघरे में :)
ReplyDeleteबहुत ही बढिया
जी टीवी स्टेशन है,
Deleteयहां कब किसकी बारी आ जाए कुछ नही कहा जा सकता
एक-एक कर सभी की, खोल रहे हैं पोल।
ReplyDeleteसही राह बतला रहे, स्टेशन के बोल!।
जी, आपका आशीर्वाद रहना चाहिए, पोल तो खुलती रहेगी।
Deleteहा हा हा हा ...महेंद्र जी प्लीज़ आप बिग बॉस के लिए गाली गलौच सीख लों ना ...ताकि वहाँ का असली आँखों देखा हालचाल आप ब्लॉग पर डाल सके :)))
ReplyDeleteजी नहीं,गाली गलौच के लिए आप कहें तो मैं लखनऊ के कुछ ब्लागर के लिंक्स आपको दे दूं।
Deleteहाहहााहहा
महेंद्र सर आपने तो बिगबॉस के घर का सारा हाल बयाँ कर दिया, अनोखा अंदाज सर बधाई.
ReplyDeleteशुक्रिया
Delete